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प्रस्तावना अध्याय-5

अपने आराध्य का स्मरण करते हुए आज इस पांचवे अध्याय को  आरंभ करते हुए यह प्राथना करते है की हमारे इस वृतांत को पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरे जैसा ही आनंद बोध हो। पिछले वृतांत में हम मैसूर गए थे और एक पूर्व कर्म प्रायश्चित का हिसाब कैसे मिटा था गुरु देव के आशिर्वाद …

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प्रस्तावना अध्याय – 4

अपने सभी पाठकगणों को नमस्कार  | आज मैं आप सभी को पूर्व जन्म की यात्रा के द्वितीय सत्र में ले चलता हूं | आप सभी शायद मेरे पिछले अध्याय में उल्लेखित भोपाल प्रसंग के बारे में पढ़ने के बाद सोच रहे होंगे कि मैने इस ब्यौरे को प्राथमिकता क्यों दी ? और मुख्य धारा के …

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प्रस्तावना अध्याय – 3

अपने सभी पाठकगण को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए आज का वृतांत प्रारंभ करता हूं | पिछले अध्याय में मैने अपने पास्ट लाइफ रिग्रेशन के पहले पड़ाव में आपको बताया था कि किस प्रकार मैने अपने पिछले जन्म के प्रतिरूप को उसके अंतिम क्षणों में महसूस किया था | मुझे बाद में ये ज्ञात हुआ …

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प्रस्तावना अध्याय – 2

पिछले वृतांत की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज वही से शुरू करते हैं जहां पिछला विराम लिया था | रिग्रेशन यानी पिछले समय की यात्रा और प्रोग्रेसन का तात्पर्य भविष्य की घटनाओं का पूर्वानुमान, यही मैं समझ पाया उन तीन दिनों के कार्यक्रम से गुजर के | तीसरे दिन की क्रिया के बाद मानसिक …

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प्रस्तावना अध्याय – 1

गणेश महाराज को प्रणाम करते हुए और गोस्वामी तुलसीदास जी को मन में नमन करते हुए आज शारदीय नवरात्र की पंचम तिथि को अपनी लेखनी की श्रृंखला प्रारंभ कर रहा हूं |  मां सरस्वती की मंत्रमय स्तुति करते हुए और सभी संभावित पाठक गण को नमन करते हुए  यह दिलचस्प यात्रा प्रारंभ करते है | …

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